शनिवार, 26 सितंबर 2020

Amit Ek Kahani Meri Bhi | sad story of amit | amit ki dukh bahri kahani | sad story | heart touching story |

 Amit Ek Kahani Meri Bhi 

ये अनिल और ज्योति है अनिल और ज्योति पति पत्नी है और उनका एक 8 साल का बेटा भी है अमित

अनिल हर रोझ शराब पी कर ज्योति को मरता है अमित अपने पिता से बहुत डरता है और जब भी वो आते है अमित टेबल  के निचे छिप जाता है

जब अमित के पापा अमित की माँ को मरते है 

तो अमित टेबल के निचे से कांपते हुवे अपने पिता को देखता रहता है

अपने पिता के वहा से चले जाने के बाद अमित अपनी माँ के पास आता है 

अमित - बहुत मारा है न पापा ने माँ में बाड़ा होकर 

में तुम्हे अपने पास रखूँगा और कभी भी कोई दुःख नहीं होने दूँगा 

माँ मुझे जल्दी से बड़ा कर दो माँ

माँ - मेरा बेटा जीता  रहे और जल्दी से बाड़ा हो जाये

अमित का पिता - जीता रहे? ये कुत्ते का बच्चा मेरे खिलाफ साजिश रच रहा है?

तुम दोनों माँ बेटे को जान से मार दूंगा

माँ - मेरे बेटे को छोड़ दो इसे कुछ मत कहो

अमित का पिता - अगली बार अपनी माँ की हम दर्दी करता नज़र आया न तो तेरा गला दबा दूंगा समझा

माँ - अपने भाई को फोन करती है

अमित का मांमां - तू उसके सामने जबान मत चलाया कर वो तेरा मरद है फिर नशे में होता है

माँ - भैया में तो खुद कोसिस करती हु उनको गुस्सा न आए मगर मुझ से कुछ न कुछ गलती हो जाती है और उनका गुस्सा तेज हो जाता है मेरा ही नसीब खराब है

अमित का मांमां - तेरे भागिए में ये ही लिख है कोसिस कर के उसका धियान रख कर सुबह का थका हारा घर आता है

माँ - बहिया मुझे अपनी नहीं अमित ही फिकर है वो हमेशा डरा सहमा रहता है और कल तो इन्होने उसको जान से मारने की धमकी दी 

में तो जी लुंगी मगर अपने बच्चे को हिंसा का शिकार नहीं होने दूंगी प्लीज भैया में विनती करती हु मेरे बच्चे को बचा लो उसका तो कोई कसूर नहीं है

अमित का मांमां - ठीक है में कुछ करता हु 


अगले दिन अमित अपने मामा के घर चला जाता है

 अमित का मामा -  गुस्से से मेरा फोन क्यों छू रहे हो

 अमित -  मुझे अपनी मां से बात करनी है

तो अमित की  मामी बोलती है

अगर तेरी मां को तेरी चिंता होती तो वह हर रोज अपने पति को गुस्सा दिला कर उससे मार ना खाती पता नहीं कैसी मां है

अमित चुपचाप सर झुका कर अपनी मामी की सारी बातें सुनता रहता है 



एक बार अमित एक गुड्डे को उठाकर उससे खेलने लगता है तो उसके मामा का लड़का वहां पर आकर 

उसे डांटने लगता है और कहता है मेरे गुड्डे को क्यों छू रहे हो गंदा हो जाएगा वह उसको रख दो 

फिर उसकी मामी आकर बोलती है अमित तू क्यों बिट्टू को परेशान करता रहता है क्या इसीलिए हमने तुझे यहां रखा है 

अमित - मामी मैंने तो कुछ नहीं किया 

अमित की मम्मी -  अच्छा तो तू भी अपनी मां की तरह जवाब देना सीख गया है



अमित रात को सोते हुए सपना देखता है कि उसके पिता उसकी मां को फिर से पीट रहे हैं

अमित घबराकर उठ जाता है उसे कुछ शोर सुनाई देता है वह दरवाजे के पास जाकर सुनने की कोशिश करता है



दूसरे कमरे से अमित के मामा और मामी के लड़ने की आवाज आ रही होती है



अमित की मामी - तुम तो कह रहे थे कुछ दिनों में छोड़ आओगे यह क्या ऐसे ही हमारे घर में पड़ा रहेगा अब तो बच्चे भी इससे परेशान हो गए है

अमित का मामा - तो क्या करूं उसे घर से निकाल दूं



अमित की मामी- उसका बाप उसे मारता है तो हम क्या करें अपनी मां का किया हुआ भुगत रहा है बस कल सुबह उसे वापस छोड़ आओ

अमित का मामा - अच्छा ठीक है बाबा कल सुबह छोड़ आऊंगा


अमित के मामा अमित के कमरे में आते हैं और वह देखते हैं अमित कमरे में है ही नहीं उसे वहां एक चिट्टी मिलती है जिसमें लिखा था



में नहीं जानता कि मैं कहां जा रहा हूं मगर मेरी चिंता मत करना अब तक जो कुछ देखा है आगे उससे बुरा कुछ नहीं होगा 

मां तुम्हारा प्यार ही मेरी एकमात्र शक्ति है मैं इस उम्मीद से जा रहा हूं कि 1 दिन हम दोनों खुशी से साथ रह सकेंगे एक बार कोशिश तो करके देखो अगर मैं वापस नहीं आया तो समझ लेना कि मैं आराम से मौत की नींद सो चुका हूं और वैसे भी हर रोज थोड़ा थोड़ा मरने से तो अच्छा होगा मेरी प्यारी मां तुम्हारा अमित



क्या आपके ख्याल में अमित के घर छोड़कर जाने के जिम्मेदार अमित के मामा मामी और उनके बच्चे हैं

 परिवार में लड़ाई का बच्चों पर बहुत बुरा असर पड़ता है इसकी वजह से बहुत से बच्चों को अपना घर छोड़कर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है वह कहीं भी रहे अपने और पराए सभी उनका शोषण करते हैं और उनका फायदा उठाते हैं






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 Amit Ek Kahani Meri Bhi  ये अनिल और ज्योति है अनिल और ज्योति पति पत्नी है और उनका एक 8 साल का बेटा भी है अमित अनिल हर रोझ शराब पी कर ज्योत...